
सुरजपुर :- नरसिंह महराज सामाजिक सेवा संस्थान सिरसी सूरजपुर के कार्यकर्ता नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती कुसुमलता सुरेंद्र राजवाड़े जी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी श्रावण मास के आखिरी सोमवार को मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जाता है।4 अगस्त 2025 दिन सोमवार को बाबा भोलेनाथ का रूद्राभिषेक किया जाएगा जिसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर पुण्य के भागीदार बनें।।
पार्थिव शिवलिंग पूजन का अनुपम महत्व
शिव महापुराण के अनुसार, सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजन से धन, धान्य, स्वास्थ्य, और पुत्र सुख की प्राप्ति होती है। मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति के साथ-साथ अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त होता है। शिव पुराण में वर्णित है कि कलयुग में कूष्माण्डा ऋषि के पुत्र मंडप ने इस पूजन की शुरुआत की थी, जिससे भक्तों को करोड़ों वर्षों तक स्वर्गीय सुख और अखंड शिव भक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस तरह बनाएं पार्थिव शिवलिंग
पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए पवित्र नदी या तालाब की मिट्टी का उपयोग करें। मिट्टी को दूध में गूंथकर, घी और भस्म मिलाकर शिवलिंग का निर्माण करें। शिवलिंग बनाते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह रखें। शिवलिंग की ऊंचाई 12 अंगुल से अधिक नहीं होनी चाहिए, अन्यथा पूजन का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। पूजा के बाद शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री ग्रहण नहीं करनी चाहिए।
सभी के लिए सुलभ है पार्थिव पूजन
शिव पुराण के अनुसार, पार्थिव शिवलिंग पूजन में कोई भेदभाव नहीं है। पुरुष और महिला दोनों इस पूजा को विधि-विधान से कर सकते हैं। यह पूजन सभी दुखों का नाश कर मनोकामनाएं पूर्ण करता है। प्रतिदिन पार्थिव पूजन करने से इस लोक और परलोक में शिव भक्ति की प्राप्ति होती है।
आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण
नरसिंह महाराज सामाजिक सेवा संस्थान, सिरसी, सूरजपुर सभी शिव भक्तों को इस महापर्व में शामिल होने का हार्दिक निमंत्रण देता है। यह आयोजन भक्ति, आस्था और सामाजिक एकता का अनुपम संगम होगा।