छत्तीसगढ़सूरजपुर

सूरजपुर में अवैध पेड़ों की कटाई का खेल! क्या दबंगों की जेब में प्रशासन?

सूरजपुर :– जिले में नगर की हरियाली अब बस कागजों में बची है, जबकि ज़मीनी हकीकत यह है कि हरे-भरे वृक्षों पर कटार मशीन चलाने का एक सुनियोजित खेल बड़े स्तर पर खेला जा रहा है। सत्ता की दलाली और अफसरशाही के गठजोड़ ने इस काले खेल को इतना संगठित बना दिया है कि नगर की रक्षा का जिम्मा उठाने वाले खुद ही इसे नीलाम करने पर उतारू नजर आ रहे हैं।

कैसे खेला जाता है कटाई का खेल?

यह सुनकर आपके कान खड़े हो जाएंगे कि सूरजपुर जिले के तिलसिवा गांव में किस तरह अवैध वृक्ष कटाई का खेल खेला गया। सूत्रों के मुताबिक, यह कोई एक रात की प्लानिंग नहीं, बल्कि लंबे समय से चल रही संगठित साजिश है। पहले पेड़ मालिक से संपर्क किया जाता है, फिर पेड़ की कटाई के लिए एक ‘फर्जी’ आवेदन तैयार कर लिया जाता है। आवेदन में ग्राम पंचायत, तहसील और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज कर दी जाती है ताकि कोई संदेह न हो। इसके बाद दबंग इस ‘अवैध परमिट’ को लेकर सीधा एसडीएम कार्यालय पहुंचते हैं, जहां ‘पहले से सेट’ सिस्टम के तहत उन्हें एक रिसीविंग मिल जाती है।

यही रिसीविंग उनके लिए ‘परमिट’ का काम करती है। उसके बाद वे मालिक को दिखाकर पेड़ काटने लगते हैं और कुछ घंटों में ही लकड़ियां खुली ट्रैक्टर ट्राली में ओवर लोड भरकर रवाना हो जाती हैं। मालिक को क्या पता कि असली परमिशन कैसी होती है! जब तक कोई जागरूक नागरिक या संगठन इसका विरोध करता है, तब तक खेल खत्म और पैसा हजम!

मौके पर हुआ हंगामा, दबंगों की खुली पोल!

इस बार मामला कुछ और ही मोड़ ले लिया। जब तिलसिवा गांव में एक संगठन के लोग पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। जब उनसे पूछताछ की गई, तो जवाब ऐसा था कि कान सुन्न पड़ जाएं!

“तुमको पैसे चाहिए तो ₹2000- 4000, लेलो नहीं तो जो करना है कर लो, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता,” दबंग ने गरजते हुए कहा।

इतना ही नहीं, उसने बड़े ही बेखौफ अंदाज में यह तक कह डाला कि – “कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, डीएफओ… ये सब मेरी जेब में रहते हैं!”

अब सवाल यह है कि क्या वाकई सूरजपुर का प्रशासन इन दबंगों के इशारों पर नाच रहा है? या फिर यह सिर्फ एक मनगढंत बयान था?

क्या इस तरह खुली ट्रैक्टर ट्राली ओवर लोड का भी परमिशन मिला गया है? क्या सभी लोग जो बाहर से आकर लकड़ी कटाई का काम कर रहे वो सभी अपनी आमद दर्ज करा चुके? क्या प्रशासन बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रही? क्या यही समझें पुष्पा फिल्म की तरह यहां भी सोफा का सिस्टम चल रहा?

प्रशासन की कार्रवाई या सिर्फ दिखावा?

     इस सनसनीखेज खुलासे के बाद मामला तूल पकड़ लिया है। मौके से ही प्रशासन को फोन लगाया गया और एसडीएम ने तत्काल तहसीलदार को भेजने का निर्देश दिया। पटवारी पहुंचा, पंचनामा बना और गाड़ी जब्त कर ली गई। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि – क्या इस बार प्रशासन वाकई कुछ करेगा, या यह कार्रवाई सिर्फ जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए है?

राजनीति के गलियारों में हलचल!

अब यह मामला सिर्फ एक अवैध कटाई का नहीं रह गया है। जब एक व्यक्ति खुलेआम कहता है कि अफसर उसकी जेब में हैं, तो यह सीधे-सीधे प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या सच में सूरजपुर जिले की प्रशासनिक मशीनरी किसी दबाव में काम कर रही है?

सूत्रों की मानें, तो इस पूरे रैकेट का ठिकाना न्यू सर्किट हाउस के पीछे बताया जा रहा है। अगर सही मायनों में इस खेल की परतें खोली जाएं, तो कई बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि –

✅ क्या प्रशासन इस मामले में कोई सख्त कदम उठाएगा?

✅ क्या कलेक्टर-एसपी इन दावों की जांच करेंगे?

✅ क्या यह मामला बड़े स्तर पर राजनीतिक भूचाल ला सकता है?

या फिर हर बार की तरह यह भी ‘सिस्टम’ के नीचे दबकर दम तोड़ देगा?

(नोट: खबर लिखे जाने तक इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया था।)

Fareed Khan

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